The smart Trick of shiv chalisa in hindi That Nobody is Discussing
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥
वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
अर्थ- हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि more info जात न काऊ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
दोस्तों श्री शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।